Sun. Jul 7th, 2024

Hanuman Mantra

हनुमान मंत्र

मंगलवार का दिन महावीर बजरंगबली का वार माना जाता है. इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से जीवन के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि रामभक्त हनुमान सभी देवी-देवताओं में जल्द प्रसन्न होने वाले देवता है. इसी कारण से इनका विशेष महत्व है. यहां हम आपको हनुमानजी के कुछ मंत्र बताने जा रहे हैं जिनका नियमित जाप करने से जीवन में आने वाली बड़ी से बड़ी बाधाएं दूर हो जाती है.


कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र





प्रार्थना का अर्थ

हे हनुमान, आप किसी भी प्रकार के कठिन कार्य की सिद्धि के सबसे बड़े उदाहरण हैं। कृपया मेरे प्रयासों पर नियंत्रण रखें और मेरे जीवन के दुखों और समस्याओं को नष्ट करके मेरी रक्षा करें।

इस मंत्र के नियम और विनियम

हनुमान कार्य सिद्धि मंत्र दो पंक्तियों का एक छोटा मंत्र है जिसे दैनिक सफलता और जीवन में खुशी के लिए रोजाना 11 बार पढ़ने की सलाह दी जाती है।

इसे सफलता के लिए हनुमान मंत्र के रूप में भी जाना जा सकता है।

असाधारण कार्यों को पूरा करने या जीवन की गंभीर समस्याओं पर काबू पाने के लिए, कुछ पंडित / संत या मुनि 40 दिनों तक 108 बार या 11 बार इस मंत्र का जाप करने की सलाह देते हैं।


Karya Siddhi Hanuman Mantra





MEANING OF PRAYER

O Hanuman, you are the greatest example of the accomplishment of any kind of difficult tasks.Please take control of my efforts and protect me by destroying sorrows and problems of my life.

Rules and Regulation for this Mantra

  • Hanuman karya siddhi mantra is a small mantra of two lines which is advised to be recited for 11 times daily for your daily success and happiness in life.
  • This can be also known as the Hanuman mantra for success.
  • For accomplishing extra-ordinary tasks or overcoming serious problems of life, some pundits/sages or seers recommend chanting this mantra for 108 times or 11 times for 40 days.

संकटमोचन मंत्र


मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए 






इच्छापूर्ति के लिए






रोजगार या नौकरी की समस्या के लिए 






मान-सम्मान और यश की प्राप्ति के लिए






कठिन कार्यों की सफलता के लिए






सर्व सुख-शांति के लिए 


असाध्य रोगों के लिए


समस्याओं से मुक्ति के लिए






ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। ओम हं हनुमंताय नम:. ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा

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